Tuesday, June 30, 2015

मेरा मानना .....मेरा आवाहन्

बहुत असहाय..किस्मत के..सताये हैं..यह बेचारे |
है मन्दिर के..कदमचों पर..पड़े जो..भूंख के मारे |
जिमा दोगे..निवाला इक, अगर इन..बेसहारों को ,
बिना मांगे..प्रभू देगें ..तुझे दुनिया के..सुख सारे |
                                   (अनुपम आलोक )

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